कुन्दन कुमार/एफएमटीस न्यूज़/मधेपुरा
प्रखंड मुख्यालय से 19 किलोमीटर दूर गिदराही गांव के ही पूरब मुख्य सड़क से इस टोले की दूरी महज 300 मीटर है। गांव की लगभग हर सड़क पक्की है। लेकिन इस गांव के पूरब में बसे इस मल्लाह टोला को आज तक सड़क नसीब नहीं हो पाई है। इसके कारण यहां रहने वाले लोगों को आवागमन व अपना व्यवसाय करने में बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है। ऊंची-नीची पगडंडी से अस्पताल ले जाने के दौरान रोगियों को असुविधा होती है। शादी विवाह के दौरान भी उन्हें कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। मछुआरों से मछली की खरीदारी करने व्यापारी उनके गांव तक आने में हिचकते हैं। बाजार तक मछली ले जाने में भी उन्हें परेशानी होती है।
कहते हैं टोले के लोग
ग्रामीण घूरन मुखिया, ललित मुखिया, उदय मुखिया, महेंद्र मुखिया, रंजीत मुखिया, धनपत मुखिया, रामावतार मुखिया, जीतलाल मुखिया, इंदल मुखिया आदि ने बताया कि चुनाव आने पर नेता लोग गांव में घूम-घूम कर वोट मांगते हैं। हमलोग सड़क बनने की आशा में वादा करने वाले प्रत्याशी को ही वोट देते हैं। लेकिन चुनाव जीतने पर दोबारा उनका दर्शन भी नहीं होता है। इतने दिनों में कई मुखिया व पंचायत के प्रतिनिधियों ने भी रास्ता दिलाने की बात की लेकिन आजतक हमें सड़क उपलब्ध नहीं हो पाई है।
कहते हैं वर्तमान मुखिया
पंचायत के वर्तमान मुखिया रामदाय देवी कहती हैं कि मेरे द्वारा प्रयास जारी है, जिस किसान की जमीन के मेड से यहां के लोग आते-जाते हैं उनसे आग्रह किया जा रहा है कि रास्ता के लिए जमीन दें। अगर जमीन मिल जाती है तो सड़क बनाने का प्रयास किया जाएगा।
कहते है पूर्व मुखिया
पूर्व मुखिया जगदीश राम कहते हैं कि मेरे द्वारा रास्ता के लिए प्रयास किया गया था, लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी थी इसलिए सड़क नहीं बन सकी।
अगर सरकारी स्तर पर वहां जमीन उपलब्ध रहती तो बहुत पहले सड़क बन जाती। ग्राम पंचायतों में इस बात को आज तक किसी ने नहीं उठाने का प्रयास किया है अब मेरे संज्ञान में यह बात आई है तो मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि उस टोले के लोगों को जल्द सड़क मिले, ताकि उन्हें आने-जाने में कोई कठिनाई नहीं हो।- अभिमन्यु कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, मरौना