राजेश कुमार राम/रिपोर्टर/छपरा
25 साल की लंबी दोस्ती को मुकाम : सचिव आरसीपी से सांसद, अध्यक्ष के बाद अब कैबिनेट मिनिस्टर : नौकरशाह से राजनेता बने राम चंद्र प्रसाद सिंह, जिन्हें उनके साइन के इनीशियल आरसीपी से जाना जाता है, जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह 2010 से बिहार से राज्यसभा सांसद भी हैं। राजनीति में आने से पहले वे यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी थे। वह नीतीश कुमार के प्रधान सचिव भी थे।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी और विश्वासपात्र सिंह अब तक जनता दल यूनाइटेड के महासचिव (संगठन) रह चुके हैं और लो-प्रोफ़ाइल रहना पसंद करते हैं। वे नालंदा के मुस्तफापुर के रहनेवाले हैं। इसी वजह से नीतीश कुमार से कई वर्षों से करीबी रहे हैं। वाजपेयी सरकार में जब नीतीश कुमार रेल मंत्री बनाये गये तब से ही आरसीपी उनके साथ काम कर रहे हैं। उनकी एक बेटी लिपि सिंह बिहार काडर की आईपीएस हैं और काफी चर्चा में रहती हैं।
नवंबर 2005 में जब नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में लौटे और मुख्यमंत्री बनाये गये तो आरसीपी सिंह भी अपने मूल राज्य बिहार में आ गये और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव बनाये गये। सेवा से सेवानिवृत्ति के महीनों पहले, उन्होंने नौकरी छोड़ दी और 2010 में राजनीति में शामिल हो गये। नीतीश कुमार ने जल्द ही उन्हें राज्यसभा का सदस्य बना दिया और वे संसद के उच्च सदन का हिस्सा बने रहे। बेहद कम बोलनेवाले आरसीपी सिंह नीतीश कुमार की छाया में ही रहना पसंद करते हैं। नीतीश कुमार के साथ न सिर्फ वे व्यक्तिगत संबंध रखते हैं बल्कि वह कुर्मी जाति के भी हैं। यानी जाति और क्षेत्र की वजह से भी बेहद करीबी रहे हैं। नालंदा जिले के मुस्तफापुर में 6 जुलाई 1958 को जन्मे सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा उसी जिले के हुसैनपुर के एक स्कूल से की।उन्होंने पटना कॉलेज से इतिहास में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से कला में स्नातकोत्तर किया। सिंह ने 21 मई 1982 को गिरिजा सिंह से शादी की और उनकी दो बेटियां हैं। उनकी एक बेटी लिपि सिंह 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह राष्ट्रीय सुर्खियों में तब आई थी जब अक्टूबर में मुंगेर जिले में देवी दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन के लिये जा रहे लोगों के एक समूह पर पुलिस ने गोलियां चलाई थीं। घटना को लेकर उग्र विरोध के बीच, उन्हें चुनाव आयोग के आदेश पर जिला एसपी के पद से हटा दिया गया था।