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आज दोपहर तक की बड़ी ख़बर कोसी क्षेत्र का

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कुन्दन कुमार/एफएमटीस न्यूज़/मधेपुरा

सहरसा- बिहार के सहरसा जिले के सदर थाना क्षेत्र के बलहुआ नहर के पास इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक लड़की के साथ चार लोगों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया है। पीड़िता शादी समारोह से घर लौट रही थी। इसी दौरान चार युवकों ने उसका अपहरण किया फिर गैंगरेप किया। इसके बाद पीड़िता को धमकाते हुए फरार हो गए। जैसे-तैसे पीड़िता अपने घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी।

फिर परिजन पीड़िता को लेकर सदर थाना पहुंचे और थानाध्यक्ष को इसकी सूचना दी गई। सदर थाना पुलिस ने एक आरोपी उपेंद्र यादव उर्फ संतोष को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि युवती अपने दोस्त के यहां शादी समारोह में शामिल होने के लिए गई थी।

देर रात भोज खाने के बाद वापस गांव लौट रही थी। बलहुआ नहर के पास चार चक्का वाहन से आए चार युवकों ने उसका अपहरण कर लिया।

आरोपियों में सिमराहा, वार्ड नंबर 35 निवासी मो हासिम, वार्ड नंबर 35 निवासी प्रभास कुमार और बलहुआ बैजनपट्टी गांव निवासी विजय यादव फरार हो गया है। वहीं, गिरफ्तार आरोपी वार्ड नंबर 13 का रहने वाला है। सदर डीएसपी संतोष कुमार ने बताया कि गैंगरेप की सूचना मिली थी। एक आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई है। बाकी बचे आरोपी फरार चल रहे हैं। जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। सभी की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।

सहरसा– जिलान्तर्गत सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल सिमरीबख्तियारपुर में स्वीकृत ऑक्सीजन प्लांट अधिष्ठापन के संदर्भ में सोमवार को डीएम कौशल कुमार ने सिविल वर्क संबंधी कार्यां के लिए प्राधिकृत एनएचएआई. के सिविल वर्क इंजीनियरिग डिपार्टमेंट के कंसलटेंट एवं संवेदक तथा स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

एनएचएआई के प्रतिनिधियों द्वारा जानकारी दी गई कि सदर अस्पताल, सहरसा में 968 लीटर प्रति मिनट तथा अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर में 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का पीएसए तकनीक पर आधारित ऑक्सीजन प्लांट का अधिष्ठापन किया जाना है। ऑक्सीजन प्लांट के फाउंडेशन सहित सिविल वर्क का कार्य एनएचएआई के द्वारा किया जाएगा।

वहीं संयंत्र/तकनीकी कार्य डीआरडीओ के माध्यम से किया जाएगा। जिलाधिकारी ने एनएएचआई के प्रतिनिधियों से ऑक्सीजन प्लांट निर्माण के संदर्भ में निर्माण की प्रक्रिया एवं अन्य तकनीकी जानकारियां प्राप्त की एवं विचार-विमर्श किया। उन्होंने सदर अस्पताल सहरसा में चयनित स्थल पर प्लांट के संस्थापन के लिए कार्य आरंभ करने का निर्देश दिया। एनएचएआई के प्रतिनिधि एवं संवेदक द्वारा जानकारी दी गई कि पहले सदर अस्पताल, सहरसा परिसर में ऑक्सीजन प्लांट के लेआउट एवं फाउंडेशन का कार्य बुधवार से आरंभ कर दिया जाएगा और एक सप्ताह के अंदर उक्त कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।

जिलाधिकारी ने एनएच 107 सड़क निर्माण कार्य में संलग्न श्रमिकों/संवेदक/सर्वेयर/अभियंता एवं अन्य कर्मियों के कोविड टीकाकरण के लिए सूची उपलब्ध कराने का निर्देश एनएचआई के प्रतिनिधि को दिया ताकि साइट पर उन सभी को विशेष सेशन साइट के माध्यम से टीकाकरण कराया जा सके। इस अवसर पर डीपीएम विनय रंजन, डीएलटी डॉ. रैना, संवेदक राज केशरी, प्रोजेक्ट लिमिटेड मुंबई के प्रतिनिधि मनोज सिंह उपस्थित रहे।

कोरोना संक्रमण

सहरसा– कोरोना संक्रमण में जहां सारा कारोबार ठप है। वहीं जिला प्रशासन को मास्क बनाकर देनेवाली जीविका दीदियों को रोजगार का भी बेहतर अवसर मिल गया है। जिले के सभी 141 पंचायतों में मास्क वितरण के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा जीविका को 17 लाख 54 हजार मास्क बनाने का आदेश दिया गया। इस कार्य में दीदियां युद्धस्तर पर लगी हुई हैं। दीदियों को मास्क बनाने के लिए सभी सामान जीविका समूह द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है, वहीं एक मास्क बनाने पर उन्हें पांच रुपये पारिश्रमिक दिया जा रहा है। अर्थात 17 लाख दस हजार मास्क बनाने के आदेश के साथ दीदियों को 85 लाख से अधिक का रोजगार मिल गया है। दीदियों को मंदी के इस समय में मिला यह कार्य जीविकोपार्जन के लिए काफी सहायक सिद्ध हुआ है।

बिहार में कोरोना काल बनकर लोगों पर टूट पड़ा है. सरकार की ओर से वो तमाम प्रयास किए जा रहे हैं जिससे लोगों को समय पर समुचित स्वास्थ्य सेवा मिल सके. इसके लिए ऑक्सीजन, बेड आदि की कमी को दूर किया जा रहा है. साथ ही एंबुलेंस सेवा को भी दुरूस्त करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन सरकार के इन दावे में कितनी सच्चाई है, और सरकार एंबुलेंस समस्या को दूर करने को लेकर कितनी संजीदा है इसकी एक तस्वीर सहरसा सदर अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस से लगाया जा सकता है.

एक तरफ जहां अस्पतालों में एंबुलेंस की कमी होने के कारण मरीजों को अस्पताल लाने में काफी दिक्कत हो रही वहीं दूसरी और सहरसा सदर अस्पताल परिसर में कई एंबुलेंस धूल फांक रही है.

सदर अस्पताल परिसर में दो एंबुलेंस आधुनिक मशीनों से लैस है. कह सकते हैं गंभीर मरीजों के लिए सारी सुविधा इन एंबुलेंसों में मौजूद है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज सभी एंबुलेंस धूल फांक रही है.

सिविल सर्जन अवधेश कुमार ने कहा कि एंबुलेंस खराब होने के कारण अस्पताल परिसर में पड़ा हुआ है. 3 साल एम्बुलेंस चली थी उसके बाद एम्बुलेंस खराब हो जाने के कारण अस्पताल में लगा दिया गया. लेकिन सवाल यह है कि एक तरफ बिहार में एंबुलेंस की भारी कमी है, और एंबुलेंस की कमी होने से लोगों की जाने जा रही है. ऐसे में सदर अस्पताल में दर्जनों बेकार एंबुलेंस ठीक करा लिया जाता तो निश्चित ही थोड़ी राहत मिलती.

सहरसा –अब आक्सीजन के अभाव में लोगों के सांसों की डोर नहीं थमेगी। सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट की स्थापना की जाएगी। आक्सीजन प्लांट के लिए पीएम केयर फंड से राशि आवंटित होगी। कोरोना संक्रमण काल में देश में आक्सीजन संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 551 नए आक्सीजन प्लांट स्थापित करने की घोषणा की थी। सहरसा सहित बिहार के 15 जिलों का नये आक्सीजन प्लांट की स्थापना को लेकर चयन किया गया है। प्लांट सदर अस्पताल में ही लगेगा।

सदर अस्पताल में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के माध्यम से 1 हजार लीटर प्रति घंटे की क्षमता वाला अक्सीजन प्लांट जो की 208 बेड को एक साथ निर्बाध गति से अक्सीजन की आपूर्ति करेगा।

इतनी आक्सीजन 2 सौ मरीजों के लिए पर्याप्त होगी।

मरीजों को होगा फायदा: जिले के बीमार लोगों के इलाज के लिए ऑक्सीजन तुरंत उपलब्ध हो जाएगा। कोरोना के मरीजों के अलावा गंभीर रूप से बीमार मरीजों को तुरंत ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण होगा।बहुत जल्द ही कोविड-19 के मरीजों को बनने वाले नया ऑक्सीजन मेडिकल प्लांट का लाभ मिलने लगेगा। डीआरडीओ के सहयोग से एनएचआई के द्वारा आक्सीजन प्लांट 30 जून तक तक चालू होने की संभावना है। प्रधानमंत्री केयर फंड से ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण शुरू कराया जाएगा। भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डिप्टी सचिव एके गुप्ता के राज्य सरकार के मुख्य सहित स्वास्थ्य विभाग के सचिव को इस संबध में प्राथमिकता के आधार पर कार्य को लेकर पत्र भेजा है। सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए जगह चयनित करने और अन्य सबंधित कार्य शुरू करने का भी निर्देश दिया गया है।

मास्क निर्माण में लगी हैं 720 दीदियां

सहरसा-ग्रामीण क्षेत्र में हर परिवार को छह- छह मास्क दिए जाने के निर्णय के अनुसार जिला प्रशासन ने जिले के कुल 1924 वार्ड में 221318 परिवारों के बीच 17 लाख 54 हजार 72 मास्क बनाने की जिम्मेवारी जीविका को सौंपा है। इस कार्य में लगी 720 दीदियों ने अबतक 15 लाख 73 हजार 808 मास्क तैयार कर लिया है। इसका पंचायतों में वितरण भी शुरू है। जीविका द्वारा जिला प्रशासन को 15 रुपये की दर से मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें दीदियों का पांच रुपये प्रति मास्क पारिश्रमिक भी शामिल है। जीविका को प्राप्त आय आनेवाले दिनों में जिले की गरीब महिलाओं के उन्नयन में काफी सहायक सिद्ध होगा।

कोरोना संक्रमण के कारण जहां सारा कारोबार ठप था। ऐसे समय में जहां दीदियों ने समय पर मास्क बनाकर जिला प्रशासन का सहयोग किया, वहीं इन दीदियों को भी आपदा के इस दौर में रोजगार मिला। इससे जहां दीदियों को अपेक्षित आमदनी हुई, वहीं जीविका समूह भी समृद्ध् हुआ, इससे आनेवाले दिनों में जिले में गरीबी उन्मूलन अभियान को बल मिलेगा। -अमित कुमार,

डीपीएम, जीविका

सुपौल- 25 मई कोरोना संक्रमण को तोड़ने और इससे बचाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार पहल की जा रही है। जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है। सुपौल मंडल कारा में मंगलवार को 308 बंदियों का टीकाकरण किया गया। वहीं उसके पहले 22 मई को 300 बंदियों को टीका लगाया गया था। टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है। जेल के अंदर ही टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। वैक्सीनेशन के लिए कैदियों को सरकार की ओर से जेल आईडी उपलब्ध कराई गई है। उसके आधार पर टीकाकरण किया जा रहा है। कई कैदियों के पास आधार कार्ड भी उपलब्ध है। जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनकी जेल आईडी के माध्यम से वैक्सीन दी जा रही है।

संक्रमित होने के बाद भी गंभीर नहीं होगी स्थित

जेल अधीक्षक ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना काल में जिंदगी बचाने की चुनौती के बीच वैक्सीन कारगर हथियार साबित हो रहा है। वैक्सीन से प्रतिरक्षित लोगों में गंभीर संक्रमण की आशंका काफी कम है। टीका लगवाने से कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर में एंटीबॉडी तैयार होती है। संक्रमित होने की आशंका कम हो जाएगी। संक्रमण होने पर भी स्थिति गंभीर नहीं होगी।

कारगर हथियार साबित हो रहा कोविड-19 का टीका

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सीके प्रसाद ने कहा कि सभी लाभार्थियों को दो डोज दी जाएगी। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड-19 का टीका कारगर हथियार साबित हो रहा है। ऐसे में टीका लेने के बाद भी सावधानी बरतनी होगी। पहली डोज लेने के बाद समय अंतराल पूरा होने पर दूसरी डोज भी अवश्य लें।

 

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