सुनील कुमार/एफ़एमटीएस न्यूज़
पटना। बेतिया राज की जमीन पर मकान बनाकर लंबे समय से रह रहे लोगों से जमीन के रकबा के हिसाब से एक निश्चित राशि जुर्माना के तौर पर ली जाएगी। साथ ही इनसे खासमहल नीति के तहत पहले वर्ष जमीन के मौजूदा बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत और इसके बाद प्रति वर्ष 5 प्रतिशत की दर से राशि ली जाएगी। इसी दर पर कुछ वर्षों तक राशि वसूलने के बाद जमीन पर एक तरह से मालिकाना हक संबंधित व्यक्ति का हो जाएगा। इसके अतिरिक्त जो गरीब एवं बेसहारा लोग झोपड़ी बनाकर ऐसी जमीन पर रह रहे हैं, उन्हें बासगीत पर्चा देने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। ऐसे लोगों को प्रति परिवार 3 डिसमिल की दर से जमीन आवंटित कर दिया जाएगा। इन लोगों से किसी तरह की राशि या अन्य किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। बिहार राजस्व पर्षद इससे संबंधित सभी पहलुओं पर मंथन करने में जुटा हुआ है। जल्द ही इन नीतियों को अंतिम रूप देकर इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। हाल में राज्य सरकार ने बेतिया राज की 15 हजार।
500 एकड़ जमीन को अपने अधीन लेने की घोषणा कर चुकी है। एक तिहाई से अधिक जमीन पर अतिक्रमण है। इन जमीनों पर वर्षों से बसे या घर बनाकर रह रहे लोगों के लिए सरकार खासतौर से सेटलमेंट प्लान लाने की तैयारी में जुटी हुई हैं।
हटेंगे अन्य तरह के अतिक्रमण बेतिया राज की जमीन पर घर बनाकर या झोपड़ी बनाकर आवासीय रूप से रहने वाले लोगों को बहुत परेशान नहीं करने पर भी ध्यान दे रही है। लेकिन इसके अलावा इन जमीन पर जिन्होंने
जबरन अतिक्रमण कर रखा है या कब्जा करके किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधि चला रहे हैं या इसे कब्जा करके जमीन की प्लॉटिंग करके बेच दी है या कोई मार्केट या अन्य तरह की गतिविधि चला रहे हैं, ऐसे सभी तरह के अतिक्रमण कोहटाया जाएगा। साथ ही इन्होंने जितने समय तक इस जमीन का कब्जा करके उपयोग किया है, उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा। मामले का निपटारा होगा 90 दिन में बेतिया राज की जमीन से संबंधित अधिसूचना राजस्व पर्षद के स्तर से जल्द जारी होने वाली है। अधिसूचना जारी होने के बाद जमीन से संबंधित सभी विवाद या अतिक्रमण से जुड़े मामले का निपटारा अधिकतम 90 दिन में कर देना है। इसके लिए छह जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, सीवान और पटना में एडीएम रैंक के एक-एक विशेष पदाधिकारी की तैनाती होगी।
मकान बनाकर रह रहे लोग जुर्माना और निर्धारित राशि देकर रह सकते इसमें इन जमीनों पर झोपड़ी बनाकर बसे गरीबों को दिया जा सकता बासगीत पर्चा
बेतिया राज की करीब 500 एकड़ जमीन यूपी के मिर्जापुर, गोरखपुर, वाराणसी समेत अन्य कुछ अन्य शहरों में मौजूद है। इनके निपटारे की प्रक्रिया बिहार के बाद शुरू की जाएगी। इसका क्या करना है, इसके लिए अलग नीति बनेगी। गोरखपुर में कलेक्ट्रेट समेत अन्य सरकारी कार्यालय एवं आवास बेतिया राज की जमीन पर ही बनी है। वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के बगल में बेतिया राज की ही जमीन है।