Health Reporter

CORONA ने ना केवल आम इंसान के जीने के तरीके को बदला है बल्कि रिश्तों में भी शारीरिक दूरी बना दी है।

Spread the love

कुन्दन कुमार/सहरसा

सहरसा। कोरोना ने ना केवल आम इंसान के जीने के तरीके को बदला है बल्कि रिश्तों में भी शारीरिक दूरी बना दी है। कोरोना के डर ने रिश्तों को आज के समय में कमजोर कर दिया है। रिश्ते इतने बदल गए हैं कि कोरोना काल में कोराना संक्रमित की मौत होने की जानकारी पर समाज के लोगों ने भी पीड़ित को अकेला छोड़ इंसानियत को शर्मसार कर दिया है।

एक ऐसा ही मामला बसनही थाना क्षेत्र अंतर्गत रघुनाथपुर पंचायत के वार्ड संख्या-04 का है। जहां स्थानीय नीवासी कैलाश कामत का 25 वर्षीय पुत्र अमरीश कामत की मौत कोरोना की चपेट में आने से बीते मौत हो गई थी। मृतक अमरीश कामत पहले से ही टीबी का मरीज था, जिसका इलाज भी चल रहा था।

अचानक बीते गुरुवार को तबीयत खराब होने पर सोनवर्षा निजी क्लिनिक ले जाया गया, जहां उन्हें बेहतर इलाज के लिए सोनवर्षा पीएचसी ले जाने के सलाह दी। जहां जांच के बाद कोरोना उसे कोरोना वायरस से संक्रमित बताया। वहां से चिकित्‍सकों ने सहरसा सादर अस्पताल ले जाने को कहा। लेकिन उसे न तो कोई सरकारी एंबुलेंस मिला और न ही कोई प्राइवेट वाहन ले जाने के तैयार हुआ।

कैलाश कामत ने बताया कि पीएचसी प्रबंधन के बार-बार आग्रह करने के बावजूद उन्‍हें एंबुलेंस नहीं मिली। वे अपने बीमार पुत्र को घर वापस लौट गया। शुक्रवार को इलाज नहीं करा पाने के कारण वह घर लौट गया और शनिवार को उसकी मौत हो गई। उन्‍होंने कहा क‍ि अगर समय रहते मेरे बीमार पुत्र को बेहतर इलाज के लिए सोनवर्षा राज पीएचसी द्वारा सहरसा ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था दी जाती तो बेटे की जान बच सकती थी।

मौत के बाद रविवार की सुबह स्थानीय प्रशाशन को इसकी जानकरी दी गई, लेकिन घंटों इंतजार के बावजूद कोई नहीं पहुंचा। स्थानीय लोग भी मदद को आगे नहीं आये। शव घर में पड़ा हुआ था, कोई उठाने वाला भी नहीं था। मौत की सूचना पर कुछ सगे-संबंधी पहुंचे।

अंतिम संस्कार करने के लिए उसे दो गज जमीन तक नहीं मिल सकी। जबकि शुरू से अपने दादा, परदादा सबको जिस जमीन पर अंतिम संस्कार करते आए थे, वहां लोगों ने अंतिम संस्कार कराने से मना कर दिया। इसकी सूचना प्रशासन को दी गई। लेकिन कोई नहीं आए।

आखिरकार स्‍वजनों ने शव को अपने ही आंगन में गड्ढा खोद कर दफना दिया। इस संकट में समाज के किसी भी लोगों ने कोई सहयोग नहीं किया है। वर्तमान मुखिया पति सियाचारन मंडल को भी बार-बार फोन किया, लेकिन वो भी नहीं आये।

मृतक तीन भाई और तीन बहन थे, वह सबसे बड़ा था। इस घटना के समय उसके दोनों छोटे भाई घर से बाहर थे। तीन बहन में दो की शादी हो गई है और छोटी बहन 7 वर्षीय राधा कुमारी ने अपने भाई को मुखाग्नि देकर घर के आंगन में ही उसे दफना दिया।

fmtscarrierinfo@gmail.com
आज हमारे भारत वर्ष में बहुत सारे न्यूज़ चैनल एवं समाचार पत्रिका अपने प्रसारण कर रहे हैं । हमें जो दिखाया जा रहा है , हम उसे ही हम सच मान लेते हैं क्योंकि हम लोग समाचार को समाज का आईना मानते हैं । वर्तमान समय में सही एवं गलत समाचार में अंतर करना काफी मुश्किल है,क्योंकि समाचार बेचा जा रहा है, न्यूज़ चैनल एवं समाचार पत्रिकाओं का बाज़ारीकरण हो गया है , जिस कारण से न्यूज़ कम और व्यापार ज्यादा हो रहा है । ऐसे समय में मैं अपने न्यूज़ चैनल एफएमटीएस न्यूज़ के माध्यम से सच को आपके सामने रखना चाहता हूं I समाज को यह बताना चाहता हूं कि समाचार का सही मतलब सच्ची खबरों से है , उस सच्चाई को आपके सामने लाना चाहता हूं, जो आपको दिखाया नहीं जा रहा है । एफएमटीएस न्यूज़ चैनल के माध्यम से भारतवर्ष साहित दुनिया के प्रत्येक वर्ग के लोगों के हित में कार्य करना चाहता हूं, अपने देश को सशक्त करना चाहता हूं और देश के विकास में पूर्ण सहयोग करना चाहता हूं, साथ ही इस प्रण एवं प्रतिष्ठा के साथ सच की तलाश कर सच्ची खबर आप तक पहुंचाना चाहता हूं और धर्म और जात पात के नाम पर देश को तोड़ने वाले लोगों पर गहरा आघात करना चाहता हूं । मैं देशवासियों साहित दुनिया को बताना चाहता हूं कि अब समय आ गया है एकजुट होकर देश के विकास एवं शुद्धिकरण के लिए कार्य करें और हमारे द्वारा लिए गए संकल्प “सच है तो दिखेगा’’ को पूरा करने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें और साथ ही सभी देशवासियों साहित दुनिया वाले से निवेदन करना चाहता हूं कि आप भी संकल्प लें कि किसी भी गलत समाचार प्रसारण का पूर्ण विरोध करें एवं उसे वायरल होने से रोके। जय हिंद ! जय भारत !! जय राष्ट्र! जय एफ़एमटीएस न्यूज़ !!
https://fmtsnews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *