कुन्दन कुमार/एफ़एमटीएस न्यूज़/मधेपुरा
सुपौल: कोरोना महामारी के दूसरी लहर और लॉकडाउन के चलते आम लोगों से लेकर दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को रोजगार नहीं मिलने से स्थिति दयनीय बनी हुई है। आलम यह है कि दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया। लेकिन इसके बीच अब मनरेगा योजना की पहल से मजदूरों को गांव में ही रोजगार दिया जा रहा है। ताकि दैनिक मजदूरी करने वाले अपने गांव में ही रोजगार के माध्यम से अपना भरण पोषण कर सके। सुपौल सदर प्रखंड के हरदी पश्चिम पंचायत स्थित तिलाबे नदी के कारण मुहाने पर बसे गांव को अपने आगोश में लेने लगा है। जिसके कारण गाँव के अधिकांश लोग इसके धारा से प्रभावित हैं।
इसी को देखते हुए मनरेगा योजना के तहत फ्लूड प्रोटेक्शन बाढ़ सुरक्षा हेतु नदी का चिरान कर उसके धारा को समतुल्य रूप से बहाव करने का काम किया जा रहा है। जिसमें क्षेत्र के दैनिक मजदूरी करने वाले लगभग 250 लोगों को रोजगार दिया गया है।
पीआरएस अरुण कुमार ने बताया कि सरकारी निर्देश का अनुपालन किया जा रहा है। कोविड गाइडलाइन पालन कराते हुए हर मजदूर को मास्क, सेनिटाइजर व साबुन उपलब्ध कराया गया है और समाजिक दूरी का पालन करते हुए कार्य करने का निर्देश दिया गया है।