कुन्दन कुमार/एफ़एमटीएस न्यूज़
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बैंकों के खराब सीडी रेशियो पर नाराजगी जतायी. उन्होंने इसे सुधारने की सख्त हिदायत बैंकों को देते हुए कहा कि राज्य का क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो 46.40% है, जबकि पूरे देश का 76.50% है. इस लक्ष्य को पाने की कोशिश करें. यहां लोगों का पैसा बैंकों में जमा होता है, लेकिन यह पैसा विकसित राज्यों में चला जाता है।
बिहार के लोगों का बैंकों पर पूरा भरोसा है, इसलिए वे अपना पैसा बैंकों में रखते हैं. कुछ राज्य ऐसे हैं, जिनका सीडी रेशियो 100% से ऊपर है. बिहार के कई जिलों में लक्ष्य से काफी कम सीडी रेशियो है. पटना में काफी एक्टिविटी है, फिर भी यहां का सीडी रेशियो सिर्फ 39.22% है. मुख्यमंत्री मंगलवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 76वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे. हालांकि, सीएम ने कोरोना काल के दौरान योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा भी की।
उन्होंने बैंकों की सुरक्षा पर कहा कि बैंक अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव, डीजीपी के स्तर पर एक बैठक आयोजित हो, जिसमें सुरक्षा से संबंधित सुझावों पर विचार कर आगे की कार्रवाई हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की बैठक में सिर्फ बातचीत नहीं हो, बल्कि जो लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं, उन पर गंभीरता से अमल हो. उन्होंने बैंकों को कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के अलावा उद्योगों एवं स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं में खासतौर से लोन देने को कहा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में वार्षिक साख योजना (एसीपी) का लक्ष्य एक लाख 54 हजार 500 करोड़ रखा गया था, जिसमें 87.88% उपलब्धि हासिल हुई यानी एक लाख 27 हजार 161 करोड़ रुपये का लोन बांटा गया।
कृषि क्षेत्र में 47,776 करोड़ रुपये और इससे जुड़े अन्य सेक्टरों में 917 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं, जो लक्ष्य से कम है. उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में बैंकों को एसीपी का एक लाख 61 हजार 500 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है. इसमें कृषि क्षेत्रों के लिए 51,500 करोड़ और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों के लिए 15 हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
सीएम ने बैंकों से कहा कि उम्मीद है लक्ष्य को पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि एमएसएमइ (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. इन्हें भी बढ़ावा देने में बैंक सहयोग करें. अगले वर्ष के एसीपी में इस सेक्टर के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है.
उन्होंने कहा कि मेडिकल के क्षेत्र में और ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए भी काम किये जा रहे हैं. इथेनॉल के उत्पादन के लिए वर्ष 2007 से ही प्रयास किया जा रहा है. इसकी यहां काफी संभावनाएं हैं. इसके लिए कई प्रस्ताव आ रहे हैं, जिसमें बैंकों के सहयोग की जरूरत है. यहां उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक प्रोत्साहन नीति लायी गयी है.
प्रत्येक पंचायत में खोले बैंक की शाखा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच हजार की आबादी पर बैंकों की शाखा खोलने की योजना पूरी नहीं हो रही है. प्रत्येक पंचायत में बैंक की एक शाखा खोली जाये. इसके लिए पंचायत सरकार भवन में जगह देने को तैयार हैं. बिहार मे औसत पंचायत की आबादी 11 हजार है, जबकि यहां 16 हजार की आबादी पर अभी बैंकों की शाखा है. उन्होंने कहा कि बिहार में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिनसे 1.27 करोड़ परिवार जुड़ चुके हैं. जीविका समूहों को बैंकों के स्तर से मदद करने की जरूरत है.
बैंकों की सुरक्षा में किसी तरह की कमी नहीं
सीएम ने कहा कि बैंकों की सुरक्षा के लिए सरकार हमेशा चिंतित रहती है. सुरक्षा के इंतजाम में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहेगी. कोई भी घटना घटती है, तो उसकी सूचना पुलिस को तुरंत दें, ताकि तेजी से कार्रवाई हो सके. बैंकों में सशस्त्र गार्ड की तैनाती करें. उन्होंने कहा कि हाल में हाजीपुर में एचडीएफसी शाखा से 1.19 करोड़ रुपये की डकैती हुई थी. इसमें पुलिस ने अब तक एक करोड़ दो लाख 72 हजार रुपये की रिकवरी की है. अपराधियों की भी गिरफ्तारी हुई है. कोई भी घटना घटती है, तो उस पर गंभीरता से कार्रवाई की जाती है।