लोजपा पारस गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान की बैठक को असंवैधानिक बताया। कहा कि चिराग रैली कर रहे थे। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक पटना में हो गई। बैठक में मुझे सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन दिया गया। अब कोई दूसरा ऐसी बैठक बुलाए तो पार्टी के संविधान के खिलाफ होगा।
दिल्ली में प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी अपने संविधान से चलती है। भीड़ जुटाकर ताकत दिखाने से नहीं। मैंने देखा चिराग ने बसों से लादकर लोगों को बुलाया था। ऐसा लगा कि दिल्ली की फैक्ट्रियों से मजदूरों को उठा लाया गया हो। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चुने हुए लोग होते हैं। उसमें भीड़ जुटाने की क्या जरूरत है।
एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे खुशी होगी, चिराग हाजीपुर से यात्रा शुरू करेंगे। हाजीपुर को मेरे भाई रामविलास पासवान अपनी मां कहते थे। वह मेरा क्षेत्र होने से पहले वहीं वहां के प्रतिनिधि रहे हैं। चिराग आज पहली बार रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं। मैने तो बड़े भाई की मौत के साथ ही कहा था कि दूसरा अम्बेडकर चला गया। सरकार को 12 जनपद को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करे और उन्हें भारत रत्न दे। चिराग ने एक दिन भी संसद में यह मांग नहीं उठाई।
परिवार में दूरी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उनके उस करीबी से पूछिये जो नेपथ्य से शासन चलाते थे। उसी के कारण पार्टी में लोकतंत्र खत्म हुआ। पता नहीं चिराग से कब का संबंध है। मुझे कोई जानकारी नहीं।