दयानंद कुमार / एफएमटीएस न्यूज़ / रिपोर्टर
यही सियासत है: पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग पासवान को जलील होना पड़ा, आधे घंटे तक बाहर खड़े रहे : सियासत औऱ सत्ता के लिए रिश्ते किस कदर तार-तार होते हैं इसकी बानगी आज दिल्ली में देखने को मिली. लोक जनशक्ति पार्टी में टूट की पटकथा रचने वाले अपने चाचा से मिलने पहुंचे चिराग पासवान को इस कदर जलील होना पडा जिसकी उन्होंने कभी कल्पना तक नहीं की होगी. चिराग पासवान लगभग आधे घंटे तक पशुपति कुमार पारस के बंगले के बाहर इंतजार करते रहे. आधे घंटे के बाद उन्हें चाचा के घर के अंदर जाने की इजाजत मिली. ये उस पासवान परिवार का किस्सा है, जिसके रिश्तों की मिसाल पूरे देश में दी जाती रही है.
दरअसल कल रात ही ये खबर आयी कि पशुपति कुमार पारस की अगुवाई में लोक जनशक्ति पार्टी के पांच सांसदों ने पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान से विद्रोह कर दिया है. रविवार की रात पशुपति पारस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला से उनके घर पर मुलाकात की. उन्हें पत्र सौंपा कि लोजपा के पांच सांसदों ने पारस को संसदीय दल का नेता चुन लिया है औऱ वही लोक जनशक्ति पार्टी के असली नेता है. हालांकि विद्रोह करने वाले सारे सांसदों ने चुप्पी साध रखी थी.
सोमवार को दिन के 11 बजे पशुपति कुमार पारस अचानक से मीडिया के सामने आये और कहा कि वे अब लोजपा के असली नेता है. चिराग पासवान जिस तरीके से पार्टी चला रहे थे उससे 99 फीसदी कार्यकर्ता नाराज थे. रामविलास पासवान जी की आत्मा दुखी हो रही थी. लिहाजा उन्होंने अब पार्टी को अपने अधिकार में ले लिया है. लोकसभा में वे संसदीय दल के नेता बन गये हैं औऱ पार्टी भी वही चलायेंगे.
चाचा ने फोन पर बात तक नहीं की घर पहुंचे चिराग
लोजपा सूत्रों के मुताबिक रविवार की रात से जब लोजपा में टूट की खबरें आ रही थी तो चिराग पासवान औऱ उनकी मां रीना पासवान लगातार पशुपति कुमार पारस औऱ प्रिंस पासवान को फोन कर रहे थे. लेकिन दोनों ने फोन रिसीव नहीं किया. आज जब पशुपति पारस ने औपचारिक तौर पर पार्टी तोड़ने का एलान कर दिया तो चिराग पासवान उनके घऱ पहुंचे. खुद गाड़ी चला कर आये चिराग पासवान के साथ बिहार प्रदेश लोजपा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू तिवारी भी थे.
चाचा के घर का गेट तक नहीं खुला
पशुपति पारस के घऱ के बाहर मीडिया की भारी भीड़ जमा थी. उसी दौरान चिरागा पासवान की गाड़ी पशुपति पारस के घर के बाहर पहुंची. तकरीबन 15 मिनट तक चिराग पासवान मेन गेट के बाहर गाड़ी में बैठे इंतजार करते रहे. उनकी गाड़ी का हार्न बजता रहा लेकिन गेट नहीं खुल रहा था. काफी देर बाद बाहर का मेन गेट खुला औऱ चिराग पासवान की गाड़ी कैंपस के अंदर गयी. लेकिन कैंपस के अदंर गाडी तो चली गयी पर घर का दरवाजा बंद ही रहा. चिराग पासवान फिर पारस के कैंपस में लगभग 20 मिनट तक गाड़ी में बैठे रहे. चाचा के घर का दरवाजा नहीं खुल रहा था औऱ ना ही घर के अंदर से कोई बाहर झांक तक रहा था. इस बीच चिराग के साथ आय़े राजू तिवारी ने कई दफे जाकर गेट खटखटाया पर कोई गेट खोलने नहीं आय़ा.
20 मिनट बाद पारस के घऱ के एक कर्मचारी ने आकर घऱ का दरवाजा खुलवाया. तब चिराग पासवान गाड़ी से उतरे औऱ चाचा के घर के अंदर गये. यानि लगभग 35 मिनट तक चिराग पासवान अपने चाचा के घर के बाहर इंतजार करते रहे. चारो ओऱ मीडिया की टीम भरी पड़ी थी औऱ उस बीच चिराग पासवान गाडी में बैठे इंतजार करते रहे. आखिर वे जब चाचा के घऱ के अंदर जाने को उतरे तो मीडिया की टीम ने उन्हें घेरा लेकिन चिराग कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए.
हालांकि चिराग के पहुंचने से पहले ही पशुपति पारस अपने घऱ से निकल कर जा चुके थे. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक वे अपनी पार्टी की सांसद वीणा देवी के घऱ पर सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं. वहां अगली रणनीति तैयार की जा रही है. ऐसी संभावना जतायी जा रही थी कि पशुपति पारस कुछ देर बाद आवास पर पहुंचेंगे जिसके बाद चिराग पासवान से उनकी मुलाकात होगी. लेकिन पशुपति पारस चिराग से मिलने नहीं पहुंचे जिसके बाद चिराग पासवान को उनके आवास से लौटना पड़ा.