सुनील कुमार की रिपोर्ट बिहार से।
नल-जल योजना पर विस्फोटक खुलासा: डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को मिला 53 करोड़ का ठेका, बहू से लेकर साला तक बन गये ठेकेदार।
PATNA : बिहार में नीतीश कुमार के नल-जल योजना से गरीबों को पीने का पानी मिला या नहीं ये कहना मुश्किल है. लेकिन राजनेताओं के घर जरूर भर गये. नल-जल योजना में भ्रष्टाचार की चारो ओर से मिल रही शिकायतों के बीच विस्फोटक खुलासा हुआ है. बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को इस योजना में 53 करोड़ का ठेका मिला. तारकिशोर प्रसाद की बहू तक नल-जल योजन की ठेकेदार बन गयीं, जिन्हें पहले से ऐसा काम करने का कोई अनुभव नहीं था।
एक अंग्रेजी अखबार का सनसनीखेज खुलासा
नल-जल योजन को लेकर ये सनसनीखेज खुलासा एक अंग्रेजी अखबार ने किया है. अग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने कटिहार जिले में नल-जल योजना के ठेकेदारों की गहन पडताल की औऱ उसमें ये बातें सामने आयी हैं. गौरतलब है कि बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद कटिहार से ही विधायक हैं. वे कटिहार से लगातार चौथी दफे विधायक चुने गये हैं।
ऐसे दिये गये ठेके
बिहार सरकार के PHED विभाग ने नल जल योजना के ठेके बांटने में दिलचस्प खेल खेला. कटिहार जिले में भवडा पंचायत है. इसमें 13 वार्ड हैं. सारे वार्ड का काम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को सौंप दिया गया. कुछ वार्डों का काम तारकिशोर प्रसाद की बहू पूजा कुमारी को सौंपा गया तो बाकी का काम उनके साले प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी कंपनियों को. गांव में मौजूद लोग बताते हैं कि पूजा कुमारी कभी साइट पर नहीं आय़ीं. उन्हें जो ठेका मिला था उसका काम भी प्रदीप कुमार भगत ने ही करवाया।
हालांकि तारकिशोर प्रसाद ने अंग्रेजी अखबार को दी गयी अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि इन ठेकों में कोई गडबड़ी नहीं की गयी है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ये ठेके तब दिये गये थे जब वे विधायक थे. तारकिशोर प्रसाद ये मान रहे हैं कि उनकी बहू को ठेका मिला. लेकिन अपने साले प्रदीप कुमार भगत से जुडी कंपनियों से कोई भी वास्ता होने से इंकार कर दिया.
लेकिन देखिये ठेके के कागजात क्या कहते हैं –
ठेकेदार-पूजा कुमारी (डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद की बहू)
प्रोजेक्ट-भवडा पंचायत, कटिहार के चार वार्ड
ठेके की रकम-1 करोड 60 लाख रूपये
पूजा कुमारी के कागजातों की छानबीन में पता चला कि पीएचईडी विभाग ने उन्हें ठेकेदार के तौर पर रजिस्टर्ड किया है. उनका पता वही है जो तारकिशोर प्रसाद का है. जेबी निकेतन, गेराबाडी रोड, मिरचाईवाडी चौक, कटिहार।
पूजा कुमारी को भवडा पंचायत के 4 वार्ड में नल-जल योजना का काम मिला. ये पंचायत कटिहार शहर से बमुश्किल 10 किलोमीटर दूर है. पीएचईडी के एक्जक्यूटिव इंजीनियर सुबोध शंकर ने उन्हें काम देने की मंजूरी दी. सुबोध शंकर ने बताया कि पूजा कुमारी ने काम पूरा कर लिया है औऱ उन्हें पैसे भी दे दिये गये हैं. द इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने उन वार्डों का दौरा किया जहां डिप्टी सीएम की बहू पूजा कुमारी को ठेका मिला था. कई लोग ऐसे मिले जिन्होंने काम में बड़े पैमाने पर गडबडी की शिकायत की।
बहू का काम साले के हवाले
ठेके के बंटवारे में तारकिशोर प्रसाद का परिवार कैसे एकजुट है इसकी पोल एक पंप ऑपरेटर ने खोली. भवडा पंचायत के वार्ड नंबर-4 के पंप ऑपरेटर संजय मंडल ने बताया कि उसे प्रदीप कुमार भगत ने रखा है और वह भगत को ही रिपोर्ट करता है. इसी पंचायत के वार्ड नंबर 10 में पंप के ऑपरेटर राजेंद्र झा ने भी बताया कि वे प्रदीप कुमार भगत को ही जानते हैं और उनके जरिये ही पंप ऑपरेटर बने हैं. इन दोनों वार्डों का काम तारकिशोर प्रसाद की बहू पूजा कुमारी को मिला है. लेकिन काम करवाने वाले तारकिशोर प्रसाद के साले प्रदीप कुमार भगत हैं. ये वही प्रदीप कुमार भगत हैं जिनके बारे में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद कह रहे हैं कि उनसे कोई वास्ता नहीं है.
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उनकी टीम ने डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद की बहू पूजा कुमारी से उनका पक्ष जानने के लिए कई दफे संपर्क किया. पूजा कुमारी के पति औऱ तारकिशोर प्रसाद के बेटे अमित कुमार को भी मैसेज किया गया. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
डिप्टी सीएम के साले-सलहज को ठेके का लेखा-जोखा –
ठेकेदार का नाम-दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड
भवाडा पंचायत के 9 वार्ड में नल-जल योजना का 3 करोड 60 लाख का काम मिला।
इस कंपनी के डायरेक्टर तारकिशोर प्रसाद के साले प्रदीप कुमार भगत औऱ उनकी पत्नी यानि डिप्टी सीएम की सलहज किरण भगत हैं. इस कंपनी को भवडा पंचायत के 9 वार्ड में नल-जल योजना का काम मिला. भवडा पंचायत में 13 वार्ड हैं. 4 का काम तारकिशोर प्रसाद की बहू पूजा कुमारी को दिया गया था. बाकी 9 वार्डों का काम उनके साले की कंपनी दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्चर को दे दिया गया।
पीएचईडी विभाग के रिकार्ड के मुताबिक इस कंपनी को 9 वार्ड में नल-जल योजना के काम के लिए 3 ठेके दिये गये. प्रदीप कुमार भगत ने बताया कि उन्हें अब तक सरकार से 1 करोड 80 लाख रूपये मिले हैं और उन्होंने काम पूरा कर दिया है. भगत ने इससे ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया. लेकिन जब अंग्रेजी अखबार की टीम ने उन वार्डों में जाकर देखा जहां प्रदीप भगत की कंपनी को काम मिला था तो उसमें कई गडबडियां पायी गयीं.
ठेकेदार का नाम- जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड
कटिहार के 110 वार्ड में नल-जल योजना 48 करोड़ का ठेका मिला
जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड की जांच में पता चला कि इसके तीन डायरेक्टर हैं-प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद औऱ संतोष कुमार. इस कंपनी को कटिहार के नौ पंचायतों के 110 वार्ड में नल-जल का काम करने के लिए 48 करोड का ठेका दे दिया गया. इस कंपनी के तीनों डायरेक्टर तारकिशोर प्रसाद के बेहद करीबी हैं. दो तो उनके रिश्तेदार बताये जाते हैं. दिलचस्प बात ये है कि कंपनी के डायरेक्टर पटना में रहते हैं और फील्ड में लोग बताते हैं कि इस कंपनी के काम को भी तारकिशोर प्रसाद के साले प्रदीप कुमार भगत करा रहे हैं.
कटिहार के दलान पूर्वी पंचायत के वार्ड नंबर-8 का काम इसी जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्टर कंपनी को मिला है. वहां के पंप ऑपरेटर ने बताया कि उसे प्रदीप कुमार भगत ने रखा है. पंप ऑपरेटर का काम दिन में तीन दफे पानी चला देना है. पंप ऑपरेटर ने बताया कि इसके एवज में उसे प्रदीप कुमार भगत से हर महीने 3 हजार रूपये मिलते हैं.
कितना दिलचस्प है ये खेल
हमने आपको पहले बताया कि डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद की बहू पूजा कुमारी के नाम पर दिये गये ठेके को उनके साले प्रदीप कुमार भगत पूरा कर रहे थे. प्रदीप कुमार भगत औऱ उनकी पत्नी की कंपनी दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर को मिला काम तो उनके जिम्मे था ही. अब जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के नाम पर दिये गये काम को भी डिप्टी सीएम प्रदीप कुमार भगत पूरा करा रहे थे. ये वाकई दिलचस्प है.
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्टर के डायरेक्टर प्रकाश चंद्र जायसवाल ने स्वीकार किया कि वे डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद से जुडे हैं. प्रकाश चंद्र ने बताया कि वे पटना में रहते हैं औऱ कटिहार में उनका काम कोई बबलू गुप्ता नाम का कर्मचारी देखता है. इसी कंपनी के दूसरे डायरेक्टर ललित किशोर प्रसाद ने भी बताया कि वे पटना में ही रहते हैं. ललित किशोर प्रसाद से जब पूछा गया कि क्या वे तारकिशोर प्रसाद से जुडे हैं. उन्होंने कहा-डायरेक्टली नहीं. इसका क्या मतलब निकलता है ये आप खुद समझ लीजिये. ललित किशोर प्रसाद ने अपनी कंपनी के नल-जल के ठेके के बारे में कोई दूसरी जानकारी नहीं दी.
जीवन श्री इंफ्रास्ट्रक्चर के कर्मचारी बबलू गुप्ता ने बताया कि ये कंपनी पहले रियल इस्टेट का काम करती थी. कटिहार में ठेका मिला तो काम को पूरा किया है. ये भी दिलचस्प है कि रियल इस्टेट की कंपनी ने नल-जल का काम ले लिया.
सरकार को कुछ मालूम नहीं
अंग्रेजी अखबार ने बिहार के पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने डिप्टी सीएम के परिजनों को मिले ठेके के बारे में पूछताछ की. रामप्रीत पासवान ने कहा कि उन्हें तारकिशोर प्रसाद के सगे संबंधियों को ठेका मिलने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि नल-जल योजना के बारे में शिकायत है तो लोगों को सरकार को बताना चाहिये. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को दिये गये जिन ठेकों की बात की जा रही है वे उस वक्त दिये गये जब कोई और इस विभाग का मंत्री था।
पीएचईडी के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि नल-जल योजना का ठेका देने में नियमों का पालन किया जाता है. जो भी कंपनी सबसे कम पैसे में काम पूरा करने का बिड डालती है उसे काम दे दिया जाता है. जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें ठेकों को देने में राजनीतिक हस्तक्षेप की कोई शिकायत नहीं मिली है. अगर कोई शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई की जायेगी।