कुन्दन कुमार/एफ़एमटीएस न्यूज़/रिपोर्टर
सुपौल : एक तरफ लोग जहां कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है वहीं जिले में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की तश्वीर लोगों को और भी मायूस कर रही है।
छातापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को एक मरीज ऑक्सीजन के अभाव में तड़पता दिखाई दिया।परिजनों ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर एक बार देखने तक नहीं आए और आनन फानन में मरीज को सदर अस्पताल सुपौल रेफर कर दिया। मरीज को रेफर करने के बाद परिजनों के द्वारा एम्बुलेंस की मांग की गई तो स्वास्थ्य कर्मियों ने एम्बुलेंस के लिए साफ मना कर दिया और प्राइवेट एम्बुलेंस या गाड़ी व्यवस्था करके जाने की सलाह दी।
मरीज की नाजुक हालत को देखते हुए मजबूरी में परिजनों ने बाइक पर मरीज को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र छातापुर से बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल के लिए निकल पड़े।
रास्ते में एक निजी क्लिनिक के डॉक्टर ने इंसानियत दिखते हुए मरीज को बचाने की कोशिश में लग गया और प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र छातापुर के चिकित्सा प्रभारी डॉ. नवीन कुमार आनन फानन में एम्बुलेंस ड्राइवर को फोन करने तुरंत बुलाया ओर निजी क्लीनिक में इलाजरत मरीज को बेहतर ईलाज के लिए सदर अस्पताल सुपौल भेज दिया।