सुनील कुमार/एफ़एमटीएस न्यूज़/नेटवर्क
बिहार में कोरोना महामारी को देखते हुए पंचायत चुनाव को फिलहाल टाल दिया गया है. राज्य में करीब ढ़ाई लाख पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को खत्म हो जाएगा. इसी बीच पक्ष विपक्ष में मुखिया और सरपंच के पावर को लेकर तकरार बढ़ गया है.
वहीं तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर सरकार से मांग करते हुए कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल कोरोना काल तक बढ़ाया जाए. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘सरकार से हमारी माँग है कि कोरोना महामारी के आलोक में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित किया जाए, जिससे की पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके.’
आपको बता दें कि तेजस्वी से पहले कई राजद के नेता पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर चुके हैं. राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है. अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा। अब गॉंव स्तर पर भी सरकारी अफ़सर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी. लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरुरी हैं.’
हमारी बिहार सरकार से माँग है कि कोरोना महामारी के आलोक में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव होने तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित किया जाए जिससे की पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके।
पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है। अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा। अब गॉंव स्तर पर भी सरकारी अफ़सर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी। लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरुरी हैं।
बिहार पहले से ही नीतीश सरकार की तानशाही और लोकतंत्र की हत्या से परेशान है। अब कम से कम पंचायत और वार्ड स्तर पर तो इस अलोकतांत्रिक रवैये, तानाशाही और संगठित भ्रष्टाचार को फैलाने से परहेज़ किजीए। इसलिए पंचायत चुनाव होने तक मुखिया/सरपंच इत्यादि के कार्यकाल को बढ़ा देना चाहिए।-तेजस्वी