Coronavirus third wave केंद्र सरकार के प्रिसिंपल साइंटिफिक अडवाइजर विजय राघवन का कहना है कि कोरोना महामारी को सिर्फ सावधानी से ही हरा सकते हैं। अगर सतर्क रहा जाए तो महामारी की तीसरी लहर को रोका जा सकता है।
सुनील कुमार
हिंदी न्यूज़ ⁄ राष्ट्रीय
Coronavirus third wave: सरकार ने बताया कोरोना की तीसरी लहर का असर कम करने का उपाय, गाइडलाइंस का सख्ती से करना होगा पालन।
Coronavirus third wave: सरकार ने बताया कोरोना की तीसरी लहर का असर कम करने का उपाय, गाइडलाइंस का सख्ती से करना होगा पालन मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन ।
Coronavirus third wave केंद्र सरकार के प्रिसिंपल साइंटिफिक अडवाइजर विजय राघवन का कहना है कि कोरोना महामारी को सिर्फ सावधानी से ही हरा सकते हैं। अगर सतर्क रहा जाए तो महामारी की तीसरी लहर को रोका जा सकता है।
नई दिल्ली, एएनआई। केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन ने कहा कि अगर सावधानी बरती जाए तो हम महामारी कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सभी सावधानी बरतें और गाइडलाइंस को फॉलो करें तो शायद कुछ ही जगहों पर कोरोना की तीसरी लहर आएगी या फिर कहीं भी नहीं आएगी। राघवन ने कहा कि यदि जरूरी उपायों को अपनाया गया तो देश के हर हिस्से में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी। इससे पहले उन्होंने गुरुवार को कहा था कि देश में कोरोना की तीसरी लहर जरूर आएगी। उनकी इस टिप्पणी के बाद देश में कोरोना का खतरा और बढ़ने की आशंकाएं जताई जाने लगी थीं। इस पर सफाई देते हुए राघवन ने शुक्रवार को कहा कि यदि सावधानी बरती गई तो यह हर जगह नहीं आएगी। महामारी के देश के तमाम हिस्सों में अलग-अलग पीक देखने को मिले हैं।
कोरोना की तीसरी लहर को रोकना मुश्किल नहीं।
राघवन ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आएगी या नहीं यह इस पर निर्भर करता है कि हम सब किस तरह गाइडलाइंस का पालन करते हैं। व्यक्तिगत स्तर पर, लोकल स्तर पर, राज्य स्तर पर और सभी जगह अगर सावधानी बरतें और गाइडलाइन को पालन करें तो कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनने और बोलने में मुश्किल लगता है लेकिन यह मुमकिन है। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतने को लेकर, सर्विलांस को लेकर, कंटेनमेंट, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट को लेकर गाइडलाइंस को फॉलो करने पर कोरोना को रोकना मुश्किल नहीं है।
कोरोना की दूसरी लहर का आर्थिक विकास पर दिख सकता है असर, वित्त मंत्रालय को भी आशंका हैं।संक्रमण तब बढ़ता है जब कोरोना वायरस को मौका मिलता।
राघवन ने कहा कि दुनिया भर में और भारत में अलग अलग जगह अलग अलग वक्त में पीक आया है और यह समझना जरूरी है कि कब और क्यों संक्रमण बढ़ता है। उन्होंने कहा कि संक्रमण तब बढ़ता है जब कोरोना वायरस को मौका मिलता है। अगर उसे मौका नहीं मिलेगा तो वह संक्रमित भी नहीं कर पाएगा।
अगर वायरस को नए मौके मिलेंगे तो केस भी बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा- जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, मास्क पहनते हैं, पूरी सावधानी बरतते हैं वह सुरक्षित हैं। लेकिन अगर वायरस को नए मौके मिलेंगे तो केस भी बढ़ेंगे। ऐसे लोग भी हो सकते हैं जो पहले सावधानी बरतते थे लेकिन बाद में लापरवाह हो गए। ऐसे में केस बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के फैलने के साइज को कम करना और इसकी फ्रिक्वेंसी को कम करना हमारे हाथ में है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो संक्रमित हैं पर बिना लक्षण के हैं, वे दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं इसलिए ज्यादा सावधानी की जरूर है।
गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले जारी की थी नई गाइडलाइंस।
कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही राज्यों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। इसमें कहा गया था कि अब राज्य सरकारों को सख्ती बरतनी होगी। एडवाइजरी के मुताबिक, किसी इलाके का पॉजिटिविटी रेट लगातार एक सप्ताह तक 10 फीसद आता है या कहीं अस्पतालों में 60 फीसद बेड भर जाते हैं तो वहां 14 दिन की सख्त पाबंदियां लगाएं। राज्यों को जिलों में छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाने की सलाह दी गई है। साथ ही एंटीजन टेस्ट बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
इन नौ राज्यों में बढ़ रहे केस।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा, उड़ीसा और उत्तराखंड में कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं। देश में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15 फीसद से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है।
9 राज्यों में 5 से 15 फीसद और 3 राज्यों में 5 फीसद से कम पॉजिटिविटी रेट है। 12 राज्यों में 1 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं। देश में 16.96 फीसद एक्टिव केस हैं। लगभग 82 फीसद रिकवर हो चुके हैं। मृत्यु दर महज 1.09 फीसद है।