दयानंद कुमार / एफएमटीएस न्यूज / रिपोर्टर
कोरोना महामारी के बाद रेल सेवाएं जब पूरी तरह से सामान्य होंगी, तो यात्रियों को बहुत कुछ बदलाव देखने को मिलेगा. यहां तक कि रेल के डिब्बे भी पूरी तरह से बदले होंगे. डिब्बे की रूप-रेखा से लेकर रंग और आंतरिक सज्जा (इंटीरियर डिजाइन) तक पूरी तरह से नया होगा. डिब्बों के अंदर मिलने वाली सुविधाएं पहले से बेहतर होंगी. भारतीय रेल ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. बस इंतजार है कोरोना महामारी खत्म होने और रेल सेवा बहाल होने का.
यात्रियों की बढ़ी सुविधाओं में सबसे अहम होगा विस्टाडोम कोच (vista-dome coach). भारतीय रेल ने यात्रियों की सुविधाओं का खयाल रखते हुए यह खास डिब्बा तैयार किया है. इसकी डिजाइन भारत में अब तक के सभी रेल डिब्बों से अलग है.
इसमें साज-सज्जा का पूरा ध्यान रखा गया है. यात्री जब रेल में सफर करें तो बाहरी दुनिया की खूबसूरती का आनंद ले सकें, इस बात को ध्यान में रखते हुए विस्टाडोम तैयार किया गया है. कोच की दीवार पर बड़ी खिड़कियां लगी हैं, साथ ही बाहर का नजारा देखने के लिए ऑब्जर्वेशन लाउंज बनाए गए हैं. विस्टा-डोम कोच में आरपार देखे जान सकने वाली खिड़कियां लगी हैं.
छत पर लगी होगी ग्लास विंडो
यहां तक कि कोच की छत पर भी ग्लास विंडो लगी है जिसमें सुहावने दृश्य चलते रहेंगे. इसे इलेक्ट्रिकली कंट्रोल किया जा सकेगा. डिब्बे के अंदर का इंटीरियर सजाया गया है जिसे एफआरपी इंटीरियर का नाम दिया गया है. रिक्लाइंग सीट लगी है जिसे 180 डिग्री तक घुमा सकते हैं. इसमें मिनी पैंट्री और सर्विस एरिया बनाया गया है जिसमें खाना गरम रखने के लिए हॉट केस होंगे.
कोच में कॉफी मेकर और रेफ्रिजरेटर
पैंट्री कोच में माइक्रोवेव ऑवन, कॉफी मेकर, बॉटल कूलर, रेफ्रिजरेटर और वॉश बेसिन लगे हैं. इस खास कोच में जीपीएस आधारित पब्लिक अड्रेस कम पैसेंजर इनफॉरमेशन सिस्टम (PAPIS) लगे हैं. पूरे डिब्बे में मनोरंजन के साधन लगे हैं. डिजिटल डिसप्ले और स्पीकर लगे सिस्टम हैं जिस पर वाईफाई से अटैच गजेट से कॉन्टेंट चलाए जाएंगे. कोच को दोनों साइड में ऑटोमेटिक स्लाइडिंग दरवाजे लगे होंगे. बायो टैंक्स और प्रेशराइज्ड फ्लश के साथ एफआरपी मॉड्यूलर टॉयलेट लगे हैं.
पुराने कोच की विदाई
यात्रियों की सुविधा को देखते हुए एलएचबी जैसे सुविधासंपन्न कोच लगाए जाएंगे. इन नए कोच में यात्रियों की सुरक्षा और आराम का पूरा ध्यान रखा जाएगा. 2014 के बाद से अब तक 731 आईसीएफ रेक्स को पूरी तरह से हटाकर एलएचबी कोच में तब्दील कर दिया गया है. अब तक रेलवे ने 23,000 एलएचबी कोच तैयार किए हैं जिन्हें ट्रेनों में लगाने का काम चल रहा है. यात्रियों की यात्रा सुखमय और आरामदेह बने, इसके लिए एसी थ्री टियर कोच लगाए जा रहे हैं. ये कोच पूरी तरह से इकोनॉमी क्लास में होंगे. इसकी टिकट ज्यादा महंगी नहीं होगी, इसलिए आम जन भी इसका खर्च वहन कर सकेंगे. जनरल और स्लीपर क्लास को धीरे-धीरे एसी क्लास में शिफ्ट करने की तैयारी है.
एसी थ्री टियर का आनंद
ये एसी टियर कोच पहले के डिब्बे से ज्यादा क्षमता वाले अधिक यात्रियों को यात्रा करा सकेंगे. पहले के एसी थ्री टियर कोच में 72 यात्री चलते थे, लेकिन नए कोच में 83 यात्री सफर कर सकेंगे. यह डिब्बा पूरी तरह से दिव्यांगजनों को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. इस तरह के 13 एसी थ्री टियर कोच तैयार हो चुके हैं और इसकी सीरीज पर काम चल रहा है.