दयानंद कुमार / एफएमटीएस न्यूज / रिपोर्टर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को सभी को मुफ्त में कोरोना टीका देने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने 74 करोड़ वैक्सीन डोज की खरीद का ऑर्डर दिया है और साथ ही इसके लिए अग्रिम भुगतान भी कर दिया है। कोरोना की ये वैक्सीन अगस्त से दिसंबर के बीच आएंगी। खास बात यह है कि कोरोना की ये वैक्सीन तीन कंपनी भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोलॉजिकल ई देंगी। इसके अलावा कुछ और वैक्सीन भी जल्द आएंगी।
पीएम मोदी ने एलान किया कि 21 जून से सभी राज्यों को मुफ्त कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। इसके लिए सरकार वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन खरीदेगी और राज्य सरकार को आबादी, संक्रमण और जरूरत के हिसाब से लोगों के लिए वैक्सीन देगी।
इस एलान के तुरतं बाद मंगलवार को केंद्र सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि इसके लिए केंद्र सरकार ने 74 करोड़ वैक्सीन डोज एडवांस में बुक कर ली है।
कहां से मिलेंगी 74 करोड़ वैक्सीन की खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोविशील्ड की 25 करोड़ डोज और भारत बायोटेक को कोवाक्सीन की 19 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है।
कोरोना टीकों की ये 44 करोड़ (25+19 करोड़) डोज जून से शुरू होकर दिसंबर तक उपलब्ध होंगी।
दोनों कोविड टीकों की खरीद के लिए 30 फीसदी रकम एडवांस में ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को जारी कर दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल-ई के साथ 30 करोड़ वैक्सीन डोज आरक्षित करने की व्यवस्था की है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 1500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान मेसर्स बायोलॉजिकल-ई को कर दिया है। बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन डोज अगस्त-दिसंबर के बीच दी जाएगी।
सरकार के मुताबिक टीकाकरण की शुरुआत से जुलाई तक सरकार को को 53.6 करोड़ डोज मिल जाएंगी और उसके बाद ये वैक्सीन आएंगी। ये वैक्सीन अगस्त से दिसंबर के बीच आएंगी।
सिर्फ तीन कंपनी है, जो इतनी वैक्सीन केंद्र सरकार को अगले कुछ महीनों में देगी। इसमें रूस की स्पुतनिक नहीं है, जिसे पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा कुछ और कोरोना की वैक्सीन है जो आने वाले दिनों में उपलब्ध होंगी जैसे जाइडस कैडिला, नोवावैक्स, जेनोवा की कोरोना वैक्सीन।
वहीं सरकार को उम्मीद है अगस्त के बाद हालात बहुत बेहतर होंगे। यानी दो-तीन महीने बाद, भारत में वैक्सीन का भंडार होगा। भारत को अगस्त से दिसंबर तक के बीच तक इन कंपनियों से 216 करोड़ वैक्सीन की खुराक मिलेंगी।
कंपनी वैक्सीन खुराक की संख्या
कोविशील्ड 75 करोड़
कोवैक्सीन 55 करोड़
बायोलॉजिकल ई 30 करोड़
जाइडस कैडिला 05 करोड़
नोवावैक्स 20 करोड़
भारत बायोटेक नेजल 10 करोड़
जेनोवा 06 करोड़
स्पुतनिक वी 15.6 करोड़
इनमें वो वैक्सीन शामिल नहीं हैं, जिन्हें यूएस, यूके, जापान, यूरोपियन देश या विश्व स्वास्थ्य संगठन से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। यानी फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन इसमें शामिल नहीं है। जब वो आएंगी तो ये संख्या 250 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी के वैक्सीन को लेकर एलान के बाद केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है, जो 21 जून से पूरी तरह से लागू होंगी। इसके मुताबिक, देश में वैक्सीन निर्माताओं द्वारा उत्पादित किए जा रहे टीकों का 75 फीसदी खरीद केंद्र सरकार करेगी और खरीदे गए टीके राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को मुफ्त दिए जाएंगे। वहीं राज्यों की जनसंख्या, संक्रमितों की संख्या और टीकाकरण की रफ्तार के हिसाब से केंद्र सरकार वैक्सीन देगी।
पीएम के एलान के बाद अब सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, तो सरकार ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है, ताकि वैसा हाल न हो जैसा एक मई के बाद राज्यों में 18 से 44 साल के आयु वर्ग के टीकाकरण के दौरान हुआ। गौरतलब है कि इस दौरान कई राज्यों को वैक्सीन की कमी का सामना करना पड़, जिसकी वजह से राज्य को कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़े थे।
मुफ्त टीकों और राशन के लिए केंद्र करेगा 1.45 लाख करोड़ रुपये खर्च कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश के 18-44 आयु वर्ग के लोगों को मुफ्त टीका और गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। पीएम मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में सोमवार को ये दो बड़े एलान किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक वयस्कों को मुफ्त टीका मुहैया कराने के लिए सरकार को 45 से 50 हजार करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे। जबकि सरकार ने इस मद के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का बजट बनाया था। इसी तरह देश के 80 करोड़ लोगों को दीवाली तक हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल देने में सरकार को 1.10 से 1.30 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
इस तरह कुल खर्च 1.45 लाख करोड़ से अधिक हो सकता है। सूत्रों ने संकेत दिया है कि सरकार को आरबीआई से लाभांश के तौर पर अनुमानित 99,122 करोड़ से अधिक राशि प्राप्त हुई होगी। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर कर से अभी अच्छा राजस्व मिला है। इन दोनों के दम पर सरकार मुफ्त टीकों और राशन का खर्च वहन कर लेगी।