कुन्दन कुमार/एफ़एमटीएस न्यूज़/पटना
जनाधिकार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को जमानत नहीं मिली। एक ३२ साल पुराने मामले मे पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार किया था । कोर्ट ने उन्हे १४ दिनो की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) मे भेज दिया था ।
पूर्व सांसद और जाप सुप्रीमो पप्पू यादव की बेल रिजेक्ट हो गई है। मधेपुरा सेशन कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। जिला कोर्ट ने गवाहों और तमाम सबूतों को देखते हुए सुनवाई की है। मधेपुरा सेशन कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान उनके वकीलों ने पप्पू यादव की जमानत की मांग को लेकर अपनी दलील दी थी, जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
पप्पू यादव फिलहाल दरभंगा मेडिकल कॉलेज में अपना इलाज करा रहे हैं। इससे पहले आज सुबह 8:00 बजे सेशन कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। पप्पू यादव के वकीलों ने जमानत दिए जाने के पक्ष में दलीलें रखीं और इसके बाद सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने फैसला रिजर्व रख लिया। पप्पू यादव के समर्थक कोर्ट के निर्णय का इंतजार करते रहे, लेकिन निराशा हाथ लगी।
जेल में बंद जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव स्लिप डिस्क की परेशानी होने के बाद फिलहाल दरभंगा के DMCH में भर्ती हैं। उनकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत पिछले हफ्ते के मंगलवार को पूरी हो गई थी। समर्थकों ने न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के साथ ही उन्हें बेल देने की मांग शुरू कर दी। समर्थकों ने सरकार पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है।
32 साल पहले बिहार के मधेपुरा के उदाकिशुनगंज के कुमार खंड थाने में 1989 में अपहरण का एक मामला दर्ज हुआ था, जिसमें पप्पू यादव को अभियुक्त बनाया गया था। पूर्व सांसद पप्पू यादव पर अपने चार साथियों के साथ मिलकर दो युवकों का अपहरण करने का आरोप लगाया गया था। मधेपुरा जिला के मुरलीगंज थाना के मिडिल चौक से रामकुमार यादव और उमा यादव का अपहरण किया गया था।