चन्दन कुमार/एफ़एमटीएस न्यूज़ मोतीहारी
बिहार के चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन जेनरेशन की क्षमता विकसित करने लिए बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने राज्य के दस जिलों में पीएसए ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लान्ट स्थापित करने का कॉन्ट्रैक्ट (वर्क ऑर्डर) ब्रावो फार्मासिटिकल को दिया है। विभाग के पत्र के अनुसार राज्य के जिन दस जिलों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना होनी है उसमें गया के टेकारी, कैमूर के मोहनिया, भागलपुर में नवगछिया, मुंगेर में तारापुर, समस्तीपुर में दलसिंहसराय, कटिहार में बारसोई, पूर्वी चम्पारण के अरेराज, नालन्दा में राजगीर, पटना के बाढ़ व सारण के सोनपुर हैं। यहां ब्रावो फार्मा सप्लाई,इंस्टालेशन एंड कमिशनिंग करेगी। ब्रावो फार्मा ने आधिकारिक रूप से बिहार सरकार व उद्योग विभाग के प्रति वर्क आर्डर मिलने पर आभार प्रकट करते हुए बताया है कि ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए मशीन यूरोप व टर्की से आयात किया जा रहा है जिन्हें जून के अंतिम सप्ताह तक सभी उपरोक्त जिलों में स्थापित कर दिया जाएगा । जानकारी ब्रावो फ ाउंडेशन के मीडिया प्रभारी शैलेंद्र मिश्र बाबा ने दी।
मोतीहारी कोरोना अपडेट
मोतिहारी में कोरोना से चार लोगों की मौत, 58 नये मरीज मिले
जिले में बुधवार कोरोना से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 58 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। इसमें मोतिहारी 4, सुगौली 9, रहमानिया 9, कोटवा 5,शरण मोतिहारी 4,चकिया 4, संग्रामपुर ,पीपराकोठी, एसआरपी रक्सौल,अरेराज, तुरकौलिया, बंजरिया में 2-2 , आदापुर,तेतरिया, फेनहारा,रामगढ़वा, पहाड़पुर, पकड़ीदयाल,हरसिद्धि, मेहसी,घोड़ासहन, डंकन व पताही में एक एक कोरोन पॉजिटिव केस मिला है।
मोतिहारी में चक्रवाती तूफान के प्री इमेज का दिखने लगा असर
जिले में चक्रवाती तूफान के प्रीमेज असर दिखने लगा है। बंगाली की खाड़ी से तूफान के टकराने के पहले ही मौसम ने यू टर्न ले लिया है। बुधवार अहले सुबह से ही आसमान में बादल उमड़ घुमड़ रहे हैं। बूंदाबांदी भी रूकरूक हो रही है। हवा भी रूक रूककर दिन भर चलती रही। तूफान अभी कहर नहीं बरपाया है। लेकिन तूफान आने पर सर्वाधिक नुकसान लीची व हरी सब्जियों को होने के कयास लगाए जा रहे हैं। सदर प्रखंड के बंसवरिया निवासी किसानश्री ललन प्रसाद शुक्ला ने बताया कि लीची की तुड़ाई करीब 60 प्रतिशत हो चुकी है। शेष 40 प्रतिशत लीची पर तूफान व भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। यहीं हाल हरी सब्जियों का हो सकता है। इसके अलावा आम व केला को भारी नुकसान पहुंच सकता है। इधर केविके के मौसम वैज्ञानिक डॉ. नेहा पारीक ने बताया कि विगत 14 अक्टूबर 2014 को जिले में हुदहुद तूफान आने से रबी फसल को भारी नुकसान हुआ था। चक्रवाती तूफान यास के आने के बाद ही क्षति का अनुमान लगाया जा सकता है।