कुन्दन कुमार / एफएमटीएस न्यूज / रिपोर्टर
सहरसा और मधेपुरा जिले में बनने वाले सड़कों की गुणवत्ता औसत से कम क्यों दिखाई देती इस सवाल का जवाब कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में बुधवार को प्रमंडलीय आयुक्त ने पूछा। कोसी प्रमंडलीय आयुक्त राहुल रंजन महिवाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अन्य जिलों की तुलना में मघेपुरा और सहरसा जिले में सड़कों की गुणवत्ता औसत से कम क्यों दिखाई देती है। उन्होंने क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्रामीण सडकों की स्थिति संतोषजनक नहीं पाये जाने की बात कही । पूछा इसकी वजह क्या है।
मेंटेनेंस की क्या व्यवस्था है। गुणवत्ता औसत से कम रहने पर पिछले एक वर्ष में कितने संवेदक को हुए भुगतान मे राशि की कटौती गई है, कितने पर कार्रवाई की गई।
आयुक्त ने समिति गठित कर डीएम को विगत एक वर्षो में खराब सडकों का भुगतान की स्थिति का जांच कराने का निर्देश दिया। आयुक्त को बताया गया कि शहर के 13 वार्डो में बुडको द्वारा नाला निर्माण कराया जा रहा है और 26 वार्डो के लिए प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा गया है।
बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर की समीक्षा बैठक : आयुक्त ने बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर डीएम सहित जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। डीएम कौशल कुमार ने पावर प्रजेंटेशन देते कहा कि जिला के चार प्रखड बाढ प्रभावित क्षेत्र के 22 पूर्ण और 11 आंशिक प्रभावित पंचायत है। जिसमें 350 वार्ड में 68 हजार 273 परिवार और 3 लाख 50 हजार जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित होते है। संकटग्रस्त व्यक्ति एवं समूहों की पहचान कर 62 हजार 561 परिवारों का सम्पूर्ति पोर्टल पर आधार अद्यतन कर विवरण अपलोड कर लिया गया है। जिला में कोसी नदी के पूर्वी तटबंध चंद्रायण, कोपरिया एवं सुपौल एवं पश्चिमी तटबंध निर्मली बाढ नियंत्रण प्रमंडल के अंतर्गत है जिनके द्वारा तटबंध की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। वर्तमान में बाढ निरोधक कार्य पूर्ण कर लिये गये है। बाढ अवधि के समाप्ति के बाद तटबंध पर बनी सडक के कालीकरण कर सुदृढीकरण की योजना है। वीरपुर से कोपरिया तक तटबंध पर सडक निर्माण के लिए नोडल के रूप में चद्रायण बाढ निंयंत्रण प्रमंडल को जबाबदेही दी गई है। तटबंध में 27 संवेदनशील एवं एक अतिसंवेदनशील बिन्दु चिन्हित किए गये है।
19 सरकारी व 183 निजी नाव उपलब्ध : डीएम ने आयुक्त को बताया कि मानसून का आगमन जिले में हो चुका है। विगत मई माह मे साईक्लोन के कारण सामान्य से काफी अधिक प्रतिवेदित की गई है। आयुक्त द्वारा जिला के औसत वर्षापात की जानकारी ली गई। नाव की उपलब्धता के संबंध में कहा गया कि जिले मे कुल 19 सरकारी नाव एवं 183 निबंधित निजी उपलब्ध है। सभी निजी नावों का निबंधन व एकरारनामा कर लिया गया है। जिले में 179 शरण स्थल में 61 बाढ आश्रय स्थल और 118 अन्य सरकारी भवन है। जहां पेयजल, शौचालय सफाई सुविधा के लिए निर्देश दिया गया है। आयुक्त ने सभी जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और शरण स्थलों के निकट ही मोबाईल मेडिकल टीम प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया।
मुख्यालय में रहे पदाधिकारी कर्मी : आयुक्त ने वीसी के जरिए समीक्षा करते प्रखंड व अंचल पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि संभावित बाढ आपदा व कोविड को देखते उच्च पदाधिकारियों को फीडबैक देते अपने मुख्यालय में बने रहेंगे। बैठक में एडीएमविनय कुमार मंडल, डीडीसी राजेश कुमार सिंह, सदर एसडीओ शंभूनाथ झा, सीएस डॉ अवधेश कुमार, डीटीओ दिलीप कुमार राम |