सुनील कुमार/एफएमटीएस न्यूज़
New Rules for Online Payment from The New Year 2022 : भारतीय रिजर्व बैंक नए साल 2022 की शुरुआत से क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए नए नियम निर्धारित किए हैं। इन नए नियमों के बारे में आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित करना शुरू कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की माने तो ऑनलाइन पेमेंट को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए उनकी तरफ से यह नए नियम बनाए गए हैं। इस नए नियम का नाम टोकनाइजेशन है। बैंक ने मर्चेंट और पेमेंट गेटवे कंपनियों से भी कहा है कि वह अपने प्लेटफार्म पर स्टोर ग्राहकों के डाटा को हटा ले। इसके लिए अब ट्रांजैक्शन करते वक्त इंक्रिप्टेड टोकन का इस्तेमाल किया जाएगा। नए नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो रहे हैं। कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को मैसेज भेजने शुरू कर दिए हैं। उसमें लिखा गया है कि 1 जनवरी 2022 से टोकनाइजेशन लागू हो रहा है और इसके तहत मर्चेंट वेबसाइट या ऐप से कार्ड की डिटेल हटा ली जाएगी। रिजर्व बैंक ने कार्ड की सुरक्षा के लिए नए नियम बनाए हैं। नए नियम के मुताबिक मर्चेंट अपनी वेबसाइट पर कार्ड का इनफार्मेशन स्टोर नहीं रख पाएंगे। आरबीआई ने देश की सभी कंपनियों को 1 जनवरी तक डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है टोकेनाइजेशन
अभी तक हमें ट्रांजैक्शन के वक्त 16 अंक का डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर, कार्ड पर अंकित एक्सपायरी डेट, सीवीवी नंबर और बाद में ओटीपी डालना होता है। इसके अलावा ट्रांजैक्शन पिन देने की भी आवश्यकता होती है। लेकिन अब यह सब जानकारियां नहीं देनी होगी। अब कार्ड की डिटेल के लिए कार्ड नेटवर्क की तरफ से एक नया कोड मिलेगा जिसे टोकन कहा जाएगा। हर कार्ड के लिए यह टोकन खास होगा। इस टोकन के जरिए किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।
1 जनवरी से ये होगा बदलाव
किसी मर्चेंट से खरीदारी के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड देंगे। मर्चेंट टोकनाइजेशन का काम शुरू करेगा। इसके लिए वह ग्राहक से टोकनाइजेशन के लिए सहमति लेगा। सहमति मिलने के उपरांत मर्चेंट क्रेडिट या डेबिट कार्ड नेटवर्क को टोकन के लिए रिक्वेस्ट भेजेगा। कार्ड नेटवर्क टोकन तैयार करेगा जिसमें कार्ड से जुड़ी डुप्लीकेट जानकारी होगी। इस जानकारी को नेटवर्क मर्चेंट के पास भेजेगा। अगली बार दूसरे मर्चेंट के पास पेमेंट करेंगे तो यही प्रक्रिया फिर अपनाई जाएगी। मर्चेंट आप का टोकन सेव कर लेगा और अगली बार इसे कार्ड नेटवर्क से टोकन जनरेट नहीं करना पड़ेगा। अगली बार आप सीवीवी या ओटीपी से ट्रांजैक्शन कर पाएंगे।
यह होगा फायदा
टोकन में दर्ज आपके कार्ड की जानकारी पूरी तरह से इंक्रिप्टेड होगी। यानी कि उसके बाद आपके साथ किसी भी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड की संभावना ना के बराबर रह जाएगी। अब तक हम मर्चेंट को कार्ड देते हैं तो कार्ड से जुड़ी जानकारी लीक होने का खतरा रहता था। पासवर्ड और सीवीवी चोरी होने का खतरा रहता था। टोकन में ऐसी बात नहीं होगी। क्योंकि उसमें यह सारी जानकारी इंक्रिप्टेड या कोड में होती है उसे कोई पढ़ नहीं पाएगा। वह सिर्फ पेमेंट के लिए इस्तेमाल होगी। इससे कारण पेमेंट को और अधिक सुरक्षित व सुविधाजनक बनाने की तैयारी है। इसके अलावा इससे यह फायदा होगा कि ट्रांजैक्शन के लिए आपको 16 अंकों का कार्ड नंबर याद रखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। एक बार अपने कार्ड के अंक दर्ज कर दिए और अगली बार आपको वैसे दर्ज नहीं करने पड़ेंगे। एक बार मर्चेंट के पास आपकी जानकारी सेव हो जाएगी तो कोई जानकारी अलग से देने की जरूरत नहीं होगी।