सुनील कुमार
हमारी संजीवनी
जानिए, कैसे काम करेगी
भारत ने खोजी कोरोना की दवा, वायरस रोक ऑक्सीजन बढ़ाएगी।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने एक नई कोरोनारोधी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) को इमरजेंसी यूज प्रोटोकॉल के तहत मंजूरी दी है। यह दवा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने डॉ. रेड्डीज लैब के सहयोग से विकसित की है। खास बात यह है कि यह कोरोना की पहली दवा है जो पूरी तरह देश में विकसित की गई है और जिसे सिर्फ इन्वेस्टिगेशन पर्पस नहीं, बल्कि तीन चरण के ट्रायल के नतीजे देखने के बाद पूर्ण इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है।
यह देश की पहली दवा जिसे परीक्षण के तौर पर नहीं, पूर्ण इस्तेमाल की अनुमति मिली
कोरोना के इलाज में अभी तक फ्लैविपिरावीर, रेमडेसिविर समेत कई दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है। मगर इन सभी दवाओं को इन्वेस्टिगेशन पर्पस यानी परीक्षण के तौर पर मंजूरी मिली है। 2डीजी पहली दवा है, जिसे पूर्ण इस्तेमाल की अनुमति मिली है। दवा ने क्लीनिकल ट्रायल के तीन चरण पूरे किए हैं। पहला चरण अप्रैल 2020 में शुरू हुआ था। इसके बेहतर नतीजे मिलने के बाद मई से अक्टूबर 2020 के बीच दूसरे चरण और नवंबर 2020 से मार्च 2001 के बीच तीसरे चरण के ट्रायल किए गए।
संक्रमित कोशिकाओं में वायरस की ग्रोथ रोक देता है यह पाउडर
{पाउडर के रूप में यह दवा पानी में घोलकर दी जाती है।
{यह शरीर में संक्रमित कोशिकाओं में पहुंच वायरस की ग्रोथ को रोक देती है। संक्रमित कोशिकाओं तक ही पहुंचना इसकी खासियत है।
{इससे मरीज में संक्रमण के लक्षण जल्दी खत्म होते हैं।
{मरीज की ऑक्सीजन पर निर्भरता भी इलाज के बाकी तरीकों के मुकाबले जल्दी कम होती है।
अगले सप्ताह बाजार में आएगी, 500-600 रु. हो सकती है कीमत
जेनेरिक साल्ट की वजह से देश में आसानी से उत्पादन हो सकता है। दवा अगले 1 सप्ताह में बाजार में आ सकती है। इसके एक डोज की कीमत 500-600 रु. होगी। एक मरीज को कितनी डोज की जरूरत होगी, यह डॉक्टर बता पाएंगे।